Daridraya Dukha Dahana Stotram PDF Download

Daridraya Dukha Dahana Stotram PDF : प्रतिदिन भगवान शिव का ‘दारिद्रय दहन स्तोत्र’ के साथ अभिषेक करने से मनुष्य को स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है तथा दरिद्रता से मुक्ति मिलती है।

शिव दरिद्रय दुःख दहन स्तोत्रम: दरिद्रता और दुखों का नाश

भगवान शिव की पूजा और उनके भक्ति का महत्व हमारे जीवन में अत्यधिक है, और इसका प्रमुख परिणाम हमें धन, सुख, और आनंद की प्राप्ति होती है। शिवे दरिद्रय दुःख दहन स्तोत्रम एक ऐसा प्रमुख मंत्र है जिसे भगवान शिव की कृपा प्राप्ति और आर्थिक स्थिरता के लिए जापा जाता है। इस स्तोत्रम का पाठ करने से दरिद्रता और दुखों का नाश होता है और व्यक्ति का जीवन धन, सुख, और समृद्धि से भर जाता है।

शिव दरिद्रय दुःख दहन स्तोत्रम का महत्व

शिव दरिद्रय दुःख दहन स्तोत्रम, जिनका रचना भगवान शिव की महत्वपूर्ण पूजा मंत्र है। इस स्तोत्रम का पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के जीवन में उनके आशीर्वाद का महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसे नियमित रूप से जाप करने से व्यक्ति का जीवन सुखमय और समृद्ध होता है।

महर्षि वशिष्ठ द्वारा रचित यह स्तोत्र भगवान शिव की प्रसन्नता एवं धन वैभव प्राप्ति के लिए यह अचूक उपाय है। इसका नित्य पाठ करना शुभकारी है, लेकिन सोमवार, अष्टमी, प्रदोष, चतुर्दशी श्रावण में इसका पाठ करने से शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। दरिद्रता का नाश होता है। एवं धन वैभव की प्राप्ति के योग बनते हैं।

शिव दरिद्रय दुःख दहन स्तोत्रम का महत्वपूर्ण फायदे

  1. आर्थिक समृद्धि: शिवे दरिद्रय दुःख दहन स्तोत्रम का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक समृद्धि होती है। धन की प्राप्ति और आर्थिक स्थिरता में सुधार होता है।
  2. दुखों का नाश: यह स्तोत्रम दुखों को दूर करने में मदद करता है। व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार के दुख समाप्त होते हैं और वह सुखमय जीवन जीने के लिए तैयार होता है।
  3. आनंद और सुख: इस स्तोत्रम का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में आनंद और सुख की भावना बढ़ती है। वह अपने जीवन को पूरी तरह से जीने का आनंद लेता है।
  4. भगवान शिव की कृपा: शिवे दरिद्रय दुःख दहन स्तोत्रम का पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, और व्यक्ति के जीवन में उनके आशीर्वाद का महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

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शिव दरिद्रय दुःख दहन स्तोत्रम का पाठ कैसे करें

इस मंत्र का पाठ करने के लिए आपको ध्यानपूर्वक और श्रद्धा भाव से करना चाहिए। आप इस मंत्र को दिन के किसी भी समय जप सकते हैं, लेकिन सुबह या संध्या काल में पाठ करना अधिक फलदायक हो सकता है।

Daridraya Dukha Dahana Stotram

ॐ नमः शिवाय

विश्वेश्वराय नरकार्णवतारणाय कर्णामृताय
शशिशेखराय धारणाय कर्पूरकांति धवलाय जटाधराय
दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय...।1।
 
गौरी प्रियाय रजनीश कलाधराय कालान्तकाय
भुजंगाधिप कंकणाय गंगाधराय गजराज विमर्दनाय
दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय...।2।
 
भक्ति प्रियाय भवरोग भयापहाय
उग्राय दुर्गमभवसागर तारणाय
ज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकाय
दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय...।3।
 
चर्माम्बराय शवभस्म विलेपनाय
भालेक्षणाय मणिकुंडल मण्डिताय
मंजीर पादयुगलाय जटाधराय
दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय....।4।
 
पंचाननाय फणिराज विभूषणाय
हेमांशुकाय भुवनत्रय मण्डिताय
अनन्त भूमि वरदाय तमोमयाय
दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय...।5।
 
भानुप्रियाय भवसागर तारणाय
कालान्तकाय कमलासन पूजिताय
नेत्रत्रयाय शुभलक्षण लक्षिताय
दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय...।6।
 
रामप्रियाय रघुनाथ वर प्रदाय
नागप्रियाय नरकार्णवतारणाय
पुण्येषु पुण्यभरिताय सुरार्चिताय
दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय...।7।
 
मुक्तेश्वराय फलदाय गणेश्वराय
गति प्रियाय वृषभेश्वर वाहनाय
मातंग चर्मवसनाय महेश्वराय
दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय...।8।

वसिष्ठेन कृतं स्तोत्रं सर्वरोगनिवारणं ।
सर्वसंपत्करं शीघ्रं पुत्रपौत्रादिवर्धनम् ।
त्रिसंध्यं यः पठेन्नित्यं स हि स्वर्गमवाप्नुयात् ॥
॥ इति वसिष्ठ विरचितं दारिद्र्यदहनशिवस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

At some place, a verse is added as first one

गौरीविलास भुवनाय महेश्वराय पञ्चाननाय शरणागत कल्पदाय । शर्वाय सर्वजगतामधिपाय तस्मै दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

and in the last verse शुभदं कामदं हृद्यं धनधान्य प्रवर्धनम् ।

इस स्तोत्रम का पाठ करने से आपको भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और आपके जीवन में धन, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। यह स्तोत्र भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है, और इसे नियमित रूप से जाप करने से व्यक्ति का जीवन सुखमय और समृद्ध हो सकता है।

Daridraya Dukha Dahana Stotram

शिव दरिद्रय दुःख दहन स्तोत्रम

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