Shri Ram chalisa Lyrics in Hindi
Shree Ram Chalisa (श्री राम चालीसा) – आज इस पोस्ट में हम आपको राम चालीसा का हिंदी अर्थ सहित व्याख्या और राम चालीसा का महत्व बताएँगे। ये तो आप सभी को पता ही है की चालीसा को अपने इष्ट को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय बताया गया है।
श्री राम भगवान की तो महिमा ही निराली है जो कोई भी जातक श्री राम का बस नाम ही सच्चे मन से ले लेता है, उसका भी उद्धार हो जाता है। और सबसे महत्वपूर्ण बात जो कोई भी राम जी की नित्यदिन पूजा-पाठ करता है, उसपे श्री राम जी की कृपा तो रहती है लेकिन साथ-साथ उनके परम् भक्त हनुमान जी की भी दया-दृष्टि बनी रहती है। इसके अलावा नित्यदिन राम जी की चालीसा का पाठ करने से जातक का मन शांत और स्थिर बना रहता है और उसके सारे काम सफल हो जाते हैं-

॥ दोहा ॥
आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वाह् मृगा काञ्चनं
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणं
बाली निर्दलं समुद्र तरणं लङ्कापुरी दाहनम्
पश्चद्रावनं कुम्भकर्णं हननं एतद्धि रामायणं
॥ श्री राम चालीसा चौपाई ॥
श्री रघुबीर भक्त हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥
निशि दिन ध्यान धरै जो कोई। ता सम भक्त और नहिं होई॥
ध्यान धरे शिवजी मन माहीं। ब्रह्मा इन्द्र पार नहिं पाहीं॥
दूत तुम्हार वीर हनुमाना। जासु प्रभाव तिहूँ पुर जाना॥
जय जय जय रघुनाथ कृपाला। सदा करो सन्तन प्रतिपाला॥
Shri Ram Chalisa हिंदी अर्थ: हे रघुबीर, भक्तों का कल्याण करने वाले हे भगवान श्री राम हमारी प्रार्थना सुनिए। हे प्रभु जो निशदिन केवल आपका ध्यान धरता है जिसके समान कोई दूसरा भक्त नहीं है। भगवान महादेव शिव भी मन ही मन आपका ध्यान करते हैं, ब्रह्मा, इंद्र आदि सभी देव भी आपकी लीलाओ को नहीं जान पाते है। और आपके सेवक दूत महाबली हनुमान जी है जिनकी शक्ति का प्रभाव तीनोलोक जनता है। हे करुणा के सागर रघुनाथ आपकी जय जयकार हो। आप सदा संतो का प्रतिपालक करें।
तुव भुजदण्ड प्रचण्ड कृपाला। रावण मारि सुरन प्रतिपाला॥
तुम अनाथ के नाथ गोसाईं। दीनन के हो सदा सहाई॥
ब्रह्मादिक तव पार न पावैं। सदा ईश तुम्हरो यश गावैं॥
चारिउ वेद भरत हैं साखी। तुम भक्तन की लज्जा राखी॥
Shri Ram Chalisa हिंदी अर्थ: हे रघुनाथ आपके भुजाओं में अपार शक्ति समायी है जिनसे अपने हमेशा कल्याण ही किया है। आपने ही रावण जैसे महाप्राकर्मी राक्षक का वध किया। हे नाथ आप अनाथो के भी स्वामी हो अथार्त जिनका कोई नहीं उनके भी आप ही हो आपने हमेशा दीन दुखियों के दुख हरे है। ब्रह्मा आदि भी आपका पार नहीं पा सके, स्वयं ईश्वर भी आपकी कीर्ति का गुणगान करते हैं। भगवन चारों वेद इस बात के साक्षी हैं कि आपने हमेशा अपने भक्तों का मान रखा है।
गुण गावत शारद मन माहीं। सुरपति ताको पार न पाहीं॥
नाम तुम्हार लेत जो कोई। ता सम धन्य और नहिं होई॥
राम नाम है अपरम्पारा। चारिहु वेदन जाहि पुकारा॥
गणपति नाम तुम्हारो लीन्हों। तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हों॥
Shri Ram Chalisa हिंदी अर्थ: हे प्रभु शारदे मां भी मन ही मन आपका स्मरण करती हैं। देवताओं के अधिपति माने जाने वाले देवराज इन्द्र भी आपकी महिमा का पार न पा सके। जो भी आपका नाम लेता है, उसके समान धन्य और कोई भी नहीं है। हे रघुनन्दन राम आपका नाम अपरम्पार है, चारों वेदों ने भी इसका ही बखान किया है। भगवान श्री गणेश जी भी आपके नाम का स्मरण करते हैं, क्योंकि उन्हें प्रथम पूजनीय का वर आपने दिया है।
शेष रटत नित नाम तुम्हारा। महि को भार शीश पर धारा॥
फूल समान रहत सो भारा। पावत कोउ न तुम्हरो पारा॥
भरत नाम तुम्हरो उर धारो। तासों कबहुँ न रण में हारो॥
नाम शत्रुहन हृदय प्रकाशा। सुमिरत होत शत्रु कर नाशा॥
लषन तुम्हारे आज्ञाकारी। सदा करत सन्तन रखवारी॥
ताते रण जीते नहिं कोई। युद्ध जुरे यमहूँ किन होई॥
हिंदी अर्थ: शेषनाग भी आपका ही नाम का जपते रहते हैं। जिन्होंने पूरी पृथ्वी के भार को अपने सिर पर धारण किया। आपके स्मरण मात्र से ही बड़े से बड़ा भार भी फूल के समान लगता है। हे प्रभु आपका पार कोई नहीं पा सकता। भरत जी ने आपका नाम अपने हृदय में धारण किया जिसके कारण उन्हें कभी युद्ध में कोई हरा नहीं सका। शत्रुहन के हृदय में भी आपके नाम का प्रकाश था इसलिए वे शत्रुओं का नाश करने में सक्षम थे। लक्ष्मण आपके आज्ञाकारी थे जिन्होंनें हमेशा संतों की रखवाली की। आपकी कृपा से उनसे भी कोई युद्ध में नहीं जीत सकता था चाहे युद्ध में स्वयं यमराज क्यों न लड़ रहे हों।
महा लक्ष्मी धर अवतारा। सब विधि करत पाप को छारा॥
सीता राम पुनीता गायो। भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो॥
घट सों प्रकट भई सो आई। जाको देखत चन्द्र लजाई॥
Shri Ram Chalisa हिंदी अर्थ: माता लक्ष्मी ने भी आपके साथ अवतार लेकर हर विधि से पाप का नाश किया। इसलिए सिया-राम का पवित्र नाम गाया जाता है। मां भुवनेश्वरी अपना प्रभाव दिखाती है। माता सीता घट यानि घड़े से प्रकट हुई जिनका रुप इतना सुंदर था कि जिनकी सुंदरता के सामने चन्द्रमा में झुक जाये।
सो तुमरे नित पांव पलोटत। नवो निद्धि चरणन में लोटत॥
सिद्धि अठारह मंगल कारी। सो तुम पर जावै बलिहारी॥
औरहु जो अनेक प्रभुताई। सो सीतापति तुमहिं बनाई॥
इच्छा ते कोटिन संसारा। रचत न लागत पल की बारा॥
जो तुम्हरे चरनन चित लावै। ताको मुक्ति अवसि हो जावै॥
Shri Ram Chalisa हिंदी अर्थ: हे भगवन जो नित्य आपके चरणों को धोता है नौ निधियां उसके चरणों में लौटने लगती है। उसके लिए अठारह सिद्धियां मंगलकारी होती हैं जो आप पर न्यौछावर हैं। हे सीयापति श्री राम, अन्य जितने देवी-देवता हैं, सब आपके ही अधीन है। आपकी इच्छा हो तो आपको करोड़ों संसारों की रचना करने में भी पल भर की देरी न लगे। जो कोई भी आपके चरणों में ध्यान लगाता है उसकी मुक्ति निश्चित है।
सुनहु राम तुम तात हमारे। तुमहिं भरत कुल– पूज्य प्रचारे॥
तुमहिं देव कुल देव हमारे। तुम गुरु देव प्राण के प्यारे॥
जो कुछ हो सो तुमहीं राजा। जय जय जय प्रभु राखो लाजा॥
Shri Ram Chalisa हिंदी अर्थ: हे प्रभु श्री राम सुन लिजिये आप ही हमारे परमपिता हैं, आप ही भारतवर्ष में पूज्य हैं। हे देव आप ही हमारे कुलदेव हैं, हे गुरु देव आप हमें प्राणों से प्यारे हैं। हे प्रभु हमारे जो कुछ भी हो सब आप ही हो, हमारी लाज रखिये, आपकी जय हो प्रभु।
रामा आत्मा पोषण हारे। जय जय जय दशरथ के प्यारे॥
जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरूपा। निगुण ब्रह्म अखण्ड अनूपा॥
सत्य सत्य जय सत्यव्रत स्वामी। सत्य सनातन अन्तर्यामी॥
सत्य भजन तुम्हरो जो गावै। सो निश्चय चारों फल पावै॥
Shri Ram Chalisa हिंदी अर्थ: हे हमारी आत्मा का पोषण करने वाले दशरथ के दुलारे श्री राम, आपकी सदा ही जय हो। हे ज्योति के समान प्रभु आपकी जय-जयकार हो। आप ही निर्गुण ईश्वर परब्रह्म हैं, जो अद्वितीय है, अखंडित है। हे सत्य रुप, सत्य के पालक आप ही सत्य हैं, आप ही सत्य सनातन के स्वामी है आप अंतर्यामी हैं। जो भी सच्चे हृदय से आपका भजन करता है, उसे निश्चित रूप से चारों फल प्राप्त होते हैं।
सत्य शपथ गौरीपति कीन्हीं। तुमने भक्तहिं सब सिद्धि दीन्हीं॥
ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरूपा। नमो नमो जय जापति भूपा॥
धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा। नाम तुम्हार हरत संतापा॥
सत्य शुद्ध देवन मुख गाया। बजी दुन्दुभी शंख बजाया॥
Shri Ram Chalisa हिंदी अर्थ: इसी सत्य की शपथ भगवान शिव ने भी की जिससे आपने उन्हें भक्ति के साथ-साथ सब सिद्धियां भी दी। हे ज्ञान स्वरुप, हमारे हृदय को भी ज्ञान दीजिये, हे जगतपति, हे ब्रह्माण्ड के स्वामी, आपकी जय हो, हम आपको नमन करते हैं। आप धन्य है, आपका प्रताप भी धन्य हैं, प्रभु आपका नाम सारे कष्टों का हरण कर लेता है।आप ही सत्य हैं, जिसे देवताओं ने अपने मुख से गाया, जिसके बाद शंख की दुंदुभी बजी।
सत्य सत्य तुम सत्य सनातन। तुमहीं हो हमरे तन मन धन॥
याको पाठ करे जो कोई। ज्ञान प्रकट ताके उर होई॥
आवागमन मिटै तिहि केरा। सत्य वचन माने शिव मेरा ॥
और आस मन में जो ल्यावै। तुलसी दल अरु फूल चढ़ावै॥
तीनहुं काल ध्यान जो ल्यावै। तुलसी दल अरु फूल चढ़ावै॥
साग पत्र सो भोग लगावै। सो नर सकल सिद्धता पावै॥
Shri Ram Chalisa हिंदी अर्थ: अनादिकाल से आप ही सत्य-सनातन हैं, हे प्रभु आप ही हमारा तन-मन-धन हैं। जो कोई भी इसका पाठ करता है, उसके हृदय में ज्ञान का प्रकाश होता है। उसको मोक्ष कि प्राप्ति होती है और इस जीवन-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है, भगवान शिव भी मेरे इस वचन को सत्य मानते हैं। यदि और कोई इच्छा उसके मन में होती हैं तो इच्छानुसार फल प्राप्त होते हैं। जो कोई भी तीनों पेहर(काल) प्रभु का ध्यान लगाता है। और प्रभु को तुलसी दल व फूल अर्पण करता है। और साग पत्र से भोग लगाता है, उस मनुष्य को सारी सिद्धियां प्राप्त करता हैं।
अन्त समय रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई॥
श्री हरि दास कहै अरु गावै। सो वैकुण्ठ धाम को पावै॥
Shri Ram Chalisa हिंदी अर्थ: अंतिम समय में वह रघुबर पुर अर्थात भगवान नारायण के धाम में गमन करता हैं, जहां पर जन्म लेने से ही जीव हरिभक्त कहलाता है। श्री हरिदास भी गाते हुए कहते हैं वह बैकुण्ठ धाम को प्राप्त करता है।
॥ दोहा ॥
सात दिवस जो नेम कर पाठ करे चित लाय।
हरिदास हरिकृपा से अवसि भक्ति को पाय॥
राम चालीसा जो पढ़े रामचरण चित लाय ।
जो इच्छा मन में करै सकल सिद्ध हो जाय ॥
Shri Ram Chalisa हिंदी अर्थ: यदि कोई भी सात दिनों तक नियम पूर्वक ध्यान लगाकर पाठ करता है, तो हरिदास जी कहते हैं कि भगवान नारायण की कृपा और भक्ति को प्राप्त कर लेता है। राम के चरणों में ध्यान लगाकर जो कोई भी, इस राम चालीसा का पाठ करता है, वह जो भी मन में इच्छा करता है, वह पूर्ण हो जाती है।
॥इति श्री राम चालीसा ॥